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बैरवा जन जागृति महासभा गुड़गांवा हरियाणा के तत्वावधान में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में दहेज मूक्त नव दंपति को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति-पत्र देकर किया सम्मानित।

राजस्थान । बैरवा जन जागृति महासभा गुड़गांवा हरियाणा के तत्वाधान में रविवार 10 मार्च 2024 में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में दहेज मूक्त नव दंपति को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति-पत्र देकर संयोजक श्री आर एस रैसवाल द्वारा सम्मानित किया गया।

समारोह के सफल आयोजन के लिए सभी भामाशाहों महासभा के पदाधिकारी एवं सदस्यगणों जिन्होंने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग किया उनका बैरवा जन जागृति महासभा गुड़गांवा हरियाणा टीम बहुत-बहुत आभार प्रकट करती है तथा धन्यवाद करती है।

देश में आए दिन दहेज के नाम पर बहू को प्रताड़ित करने, मारने-पीटने और दहेज नही देने के कारण हत्या के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं कुछ लोग दहेज न लेकर दहेज मुक्त विवाह को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला दौसा जिले के टोरड़ा गांव अजारा ढाणी में देखने को मिला है, जिसमें वर पक्ष की ओर से दहेज प्रथा को समाप्त करने की पहल कर समाज में एक नई मिसाल पेश की है।

दौसा जिले से टोरड़ा अजारा ढाणी निवासी भगवान सहाय बैरवा के पुत्र सुभाष बैरवा की शादी हरिसिंह बैरवा पुत्र हीरालाल बैरवा निवासी बांदीकुई बडा बास भांडेड़ा की पुत्री अर्चना बैरवा के साथ तय हुई थी, जिसमें दूल्हे व दूल्हे के पिता ने दहेज लेने से मना कर दिया। दोनों परिवारों ने मिलकर इस प्रस्ताव को स्वीकार कर समाज में व्याप्त कुरीतियों को मिटाने का संदेश देकर एक नई मिसाल पेश की है। शादी की रस्मों के दौरान जब दुल्हन को उपहार के रूप में दहेज देना था तब दूल्हे सुभाष बैरवा के पिता भगवानसहाय बैरवा ने शगुन के रूप एक रुपए और नारियल लेकर की शादी, दहेज मुक्त विवाह को दिया बढ़ावा दिया।


दूल्हे के पिता ने बताया कि वर्तमान समय में दहेज देने की होड़ से मची हुई है। इस होड़ में लड़की का पिता यदि गरीब हैं तो उसको उधार लेकर दहेज देना पड़ता और वह इस उधारी से जिंदगी भर मुक्त नही हो पाता । इसलिए समाज में दहेज रूपी कुरीति को खत्म करने एवं समाज को नया संदेश देने के लिए उन्होंने अपने बेटे की शादी में दहेज नही लेकर समाज को एक नया संदेश देने का प्रयास किया हैँ।

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